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मुसलमान ओर मुसलमान तंज़ीमो पर हमले ओर कब तक ?
साथियों,
आप जानते है कि पूरे मुल्क में जानबूझ कर मुसलमानों के ऊपर उनके रोजगार धंधे को खत्म करने के उद्देश्य से लगातार हमले हो रहे हैं, राजस्थान में पहलू खान, उमर खान और राजसमंद की घटना। वहीं अपने गुजरात में वड़ावली, वड़ागाम और छात्राल में साम्प्रदायिक हिंसा की वजह से नौजवान की जान चली जाए। कच्छ में 4 दरगाहों को तोड़ देना।
वहीं कुछ बदनीयत रखने वाले लोगों द्वारा मुस्लिम तंज़ीमो पर हमले करने ये सब उस वक़्त हो रहा है जब तंजीम सबसे ज़्यादा क़ौम के लिए फिक्रमंद होकर काम कर रही हैं।इन्ही तंज़ीमो की पहल पर छात्राल के मरहूम के घर वालों को उसी वक़्त लगभग 3 लाख रुपये की सहायता दी गयी।
सरकार ने छात्राल मामले में कंपनसेशन देने से साफ इंकार कर दिया।
इसलिये अब ज़रूरी हो गया है कि हम सभी लोग आवाज़ बुलंद करें और ये संदेश सरकार,समाज को दें कि मुस्लिमों पर और मुस्लिम तंज़ीमो पर अब हमले बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे, हम लड़ेंगे तब तक जब तक हमे न्याय नहीं मिलता।
इन सब मुद्दों पर आगे की रणनीति बनाने को 18 मार्च 2018, रविवार को अम्बेडकर हाल, सरसपुर, अहमदाबाद में 1.30 बजे दोपहर को एक सम्मेलन रखा गया है।
आप सभी ज़िंदा क़ौम के वारिस हैं, ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में पहुंचे।
इसी से हल होंगे सारे मरहले,
सो हम आवाज़ से आवाज़ को टकराते हैं।

18 मार्च 2018, रविवार
समय- 1.30 बजे दोपहर
स्थान- अम्बेडकर हॉल, सरसपुर, अहमदाबाद
माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी गुजरात